History Of Devprayag Sangam
भारत के उत्तराखंड राज्य में स्तिथ Devprayag बहुत ही पवित्र और प्रसिद्ध स्थान है जो कि उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल मंडल का बहुत ही खूबसूरत तीर्थ स्थान में से एक है| देवप्रयाग पांच प्रयागों में से एक है यहां पर दो नदी भागीरथी और अलकनंदा का संगम होता है| भागीरथी गंगोत्री ग्लेशियर से तथा अलकनंदा संतोपत हिमालय से निकाल कर आती हैऔर दोनों का संगम देवप्रयाग में होता है| पौराणिक कथाओं की अनुसार माना जाता है कि भगवान भागीरथी ने गंगा नदी को 33 कोटि के देवी देवताओं के साथ पृथ्वी पर उतारा था अतः गंगा नदी में 33 कोटि के देवी देवता विराजमान है यहाँ से ही अलकनंदा नदी भागीरथी नदी में मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती है| Devprayag में भागीरथी नदी का बहाव थोड़ा तेज और आवाज करता हुआ प्रतीत होता है वही अलकनंदा नदी का पानी शांत बहता हुआ प्रतीत होता है |
दोनों नदीओ का रिश्ता :
माना जाता है की देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा दोनों नदिओं का सास और बहु का रिश्ता है | जिसमे भागीरथी नदी का पानी हरा और बेहद साफ़ तथा पानी का बहाव तेज़ और बहुत आवाज करने बाला है इसलिए इस भागीरथी को सास तथा अलकनंदा नदी का पानी का रंग हल्का नीला और हल्का मिट्ठी का रंग और पानी का बहाव बहुत शांत इसलिए इसको बहु कहा जाता है | जोकि बहुत ही पवित्र रिश्ता माना जाता है |
कहाँ – कहाँ घूमे :
यदि आप आप घूमने का शौक रखते है तो आप कभी न कभी उत्तराखंड तो आये ही होंगे अगर आप उत्तराखंड में नहीं घूमे तो आप कही नहीं घूमे क्युकी उत्तराखंड है ही बहुत खूबसूरत तो इस बार आप प्लान बना रहे है तो आप उत्तराखंड का ही प्लान बना लीजिए क्युकी उत्तराखंड में बहुत सारी घूमने की जगह है सारा कुछ जगह हम यहाँ कवर नहीं कर सकती इस आर्टिकल में हम सिर्फ आपको घुमाएंगे देवप्रयाग यदि आप देवप्रयाग घूमने आ रहे है तो Devprayag में बहुत सारी जगह है जहाँ पर आप घूम कर अपने जीवन के पलो को यादगार बना सकते है आओ जानते है कुछ
1. Devprayag Sangam :
यदि आप देवप्रयाग आ रहे है तो तो सबसे पहले आपको संगम घाट आप आना होगा वह जाने के लिए सबसे पहले आपको भागीरथी के ऊपर लोहे का पुल को पार करना होगा और करीब 500 -600 मीटर चलकर आप संगम तक पहुंच सकते है और दूसरा सस्ता आपको आपको सीधा सीढ़ियों के सहारे से आप बहुत ही आसानी से घाट तक जा सकते है यहाँ पैर बहुत सारे पर्यटक देश – विदेश से घूमने के लिए आते है
2. Raghunath Mandir Devprayag
देवप्रयाग बहुत ही पवित्र स्थान माना जाता है की यहाँ पर भगवान श्री राम रावण का वध करने में बाद अयोध्या में राज पाठ अपने भाई भरत जो देकर वह अपनी पत्नी सीता मइया और लक्ष्मण जी साथ आ कर अपने पाप का प्रश्च्हित किआ था और वह पर संगम के किनारे बैठ कर समाधी भी ग्रहण किआ था | इसलिए वह पर उनका एक मंदिर भी जोकि रघुनाथ मंदिर ने नाम से जाना जाता है जो devprayag संगम से कुछ ही दुरी पर स्थित है | यदि आप देवप्रयाग जाने का प्लान कर रहे है तो आपको रघुनाथ मंदिर में संगम में स्नान करने के बाद दर्शन के लिए अवश्य जाना चहिये तभी आपकी देवप्रयाग की यात्रा सम्पूर्ण मानी जाती है |
3. Local Market :
जब आप देवप्रयाग संगम की तरफ जाते है तो रास्ते में बहुत से सुंदर लोकल मार्केट मिलती है जहाँ पर आप घूम सकते है और वहां पर आप अपने और अपने परिवार के लिए ख़रीददारी भी कर सकते है यहाँ की लोकल मार्केट मई घूमते हुए बहुत अच्छा प्रतीत होता है |
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देवप्रयाग कैसे पहुंचे :
यदि आप ने देवप्रयाग घूमने का प्लान बना ही लिया है तो आपको यहाँ पर आने के लिए 2 माध्यम की सहायता से आप देवप्रयाग पहुँच सकते है | हवाई जहाज और रेलगाड़ी अगर आप भारत के किसी भी राज्य में है तो आपको सबसे पहले राजधानी दिल्ली आना होगा चाहे तो आप दिल्ली हवाई जहाज या भी रेलगाड़ी के सहारे आ सकते है फिर आपको हरिद्वार या फिर डायरेक्ट ऋषिकेश आ सकते है यदि आप हवाई जहाज के माध्यम से आ रहे है तो आप सबसे पहले देहरादून हवाई अड्डा आना होगा जोकि ऋषिकेश के सबसे पास वाला हवाई अड्डा है | यदि आप उत्तराखंड से आस पास से आ रहे है तो आपको डायरेक्ट ऋषिकेश आने होगा फिर उसके बाद आप कोई किराये की टेक्सी लेकर आप आसानी से देवप्रयाग आ सकते है |
दिल्ली से देवप्रयाग की दुरी – 302 किलीमीटर
ऋषिकेश से देवप्रयाग की दुरी – 67 किलोमीटर
Hotel In Devprayag :
यदि आप Devprayag आ रहे है तो चिंता न करे यहाँ पर आपको रखने के लिए बहुत ही आसानी से रूम मिल जायेंगे देवप्रयाग में होटल के मुकाबले यहाँ पर धर्मशाला की संख्या अधिक जहाँ पर आपको आसानी से बहुत ही काम बजट लगभग 500 -600 में आराम से कमरा मिल जायगा | यदि आपको बजट ज़्यदा है तो आप होटल में भी रुक सकते है जोकि 1000 – 2000 में आसानी से कमरा लेकर रह सकते है |